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Swanta: Sukhaya

Volume:
Author: Vinita Sharma
Binding: Paperback
ISBN: 9789381696101
Availability:
Publisher: Rochak Publishing
Pub. Date: 2013
Condition:
Price: $15
 
 

विनीता जी की कविता पढ़ना - सुनना वाग्देवी की मानस-पुत्री से रूबरू होना है। सारस्वत यज्ञ है उनका काव्य-सृजन, जिसमें स्वर-समिधाएँ आनंद की दिव्य-गंध का प्रसारण करती हैं।

एक विशेषता का उल्लेख करना आवश्यक है जो हमारी प्राचीन काव्य-विधा की अनिवार्य शर्त है। काव्य का गेय होना, कविता का गीति-तत्व हमें प्राचीनतम ग्रंथ ऋग्वेद से जोड़ता है।  वेद में जिस आदिम छन्द का सर्वाधिक प्रयोग है, उसे 'गायत्र कहा गया है- उक्त संहिता के अष्टम मंडल को गेय होने के कारण ही द्रष्टा ऋषि ने प्रगाध मंडल की संज्ञा दी है।

Author BIO
Vinita Sharma

हिंदी साहित्य में एम .ए .

डी .ए .वी .कालेज, देहरादून 
साहित्य, संगीत ,पठन, लेखन में विशेष रुचि 
विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में कविताएं  प्रकाशित 

 
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